Saturday, 20 January 2018

अफूचा गोळी म्हणा , राजकारण म्हणा , पण हिंदू हाच परिवर्तन करणार

जर हिंदू हिंदुस्थानी  गैर ब्राह्मण बहुसंख्य लोकांचा वास्तविक  धर्म नसता तर अप्ल्पसंख्याक वैदिक ब्राह्मण धर्मी लोकांना विजयाप्रत राजकारण करता आले असते का ? होय हिंदू म्हणजे राजकारण , पण हमखास विजय मिळवून देणारे राजकारण , ते विदेशी ब्राह्मीनाना कळले , धर्म म्हणजे अफूची गोळी , होय खरे आहे , ते विदेशी ब्राह्मीनाना कळले मात्र ते अफूच्या गोळी चे उदाहरण , हिंदू धर्म हे राजकारण म्हणणाऱ्या महाभागांना कळले नाही हे विस्मय कारक दुर्भाग्यच होय .
आम्ही हिंदुस्थानी आहोत , हिंदू आहोत या बद्दल वादा चे काही कारण नाही , आमचा धर्म हिंदू आहे तो विदेशी  ब्राह्मीनाचा नाही . ब्राह्मीनाचा वैदिक ब्राह्मण धर्म होय ते तो नाकारत नाही आणि सोडायला तयार नाही .मग आमचा धर्म कोणता ? हिंदूच ! मग हा हिंदू धर्म कुठे सांगितलं आहे ? एवढाच विचार करायला हवा . हा हिंदू धर्म कबीरांनी त्यांच्या वाणीतून सांगितलं आहे जो होता , लोप पावला होता , तोच सांगितला . त्यालाच आंबेडकरांनी हिंदू कोडे बिल मध्ये विधी दिली . विधी म्हणजे कानून . हिंदू धर्म आहे ,विधी आहे , लोक आहेत , देश आहे आणि महत्व चे म्हणजे ते बहुसंख्य आहेत , नव्या युगात , लोकशाही राज्य म्हणजे , बहुमताचे राज्य ज्या द्वारे , संविधान बनविता येते . न्याधीश नेमता येतात ,दैनंदिन कार्यासाठी , कानून बनविता येतात , धर्म व तो काय आहे हे ठरविता येते . हेच हिंदू राजकारणनारे करता येते कारण आज आपण लोक शाहीत जगतो आहोत हा विचार डोक्यातt ठेवून काम केले , हिंदू धर्म समजून घेतला , ब्राह्मण धर्म वेगळा आहे हे तर निर्विवाद सत्य आहेच , मग हे करायला नका का ? हिंदू म्हणजे परिवर्तन ला आवश्यक असणारी ताकत , हि ताकत नाकारून तुम्ही पुढे जाऊ शकत नाही आणि आता तर मुळीच नाही कारण आता हिंदू कोडे बिल हिंदू विधी , कानून  च्या रूपाने कायम झाले आहे , आता हिंदू चा धर्म ग्रंथ कोणता तर बीजक शिवाय उत्तमग्रंथ  कोणता असू शकतो ? सर्व ग्रंथ कुठे ना कुठे विदेशी ब्राह्मीनानी भेसडा करून वर्ण , जाती , भेदाभेद आई चे समर्थन केले आहे , जो शुद्ध आहे तो कबीर चा बीजक होय . त्यालाही नाकारले तर हा देश मेलाच म्हणून समजा .  विदेशी ब्राह्मीनांचे फावताच राहणार आणि गैर ब्राह्मण सव बोंबलातच राहणार . अफूची गोळी म्हणा , राजकारण म्हणा पण , नेटिव्ह हिंदुत्व , नेटीव्हीसम शिवाय गत्यंतर नाही , दुसरा मार्ग नाहीच , धर्मांतर, जाती जोडो , सब बकवास .  बेकार है हेच खरे !

नेटिविस्ट डी डी राऊत
अध्यक्ष
नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट  

Monday, 15 January 2018

हम अपनी विचार  सरणी नेटिविज़्म से प्रामाणिक है।

क्या गाँधी , आंबेडकर ने जय मार्क्स , जय मार्क्सवाद कहा ? नहीं।  क्या आंबेडकर ने जय गाँधी , जय गांधीवाद कहा ? नहीं।  क्या गाँधी ने जय आंबेडकर जय अम्बेडकरवाद कहा ? नहीं।  मार्क्स , गाँधी , आंबेडकर ये अलग अलग विचार सरणी है वैसे ही नेटिविज़्म एक अलग और स्वतंत्र विचार सरणी है।  हम अपनी विचार  सरणी नेटिविज़्म से प्रामाणिक है।  हम कहते है नेटिविज़्म हमारा गुरु है , नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदर्शन !

नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट 
हम है इस देश के मालिक। नेटिविस्ट राउत

लोग पंडितवादी कांग्रेस से तंग आगये थे , किसी गैर ब्राह्मण पार्टी को चाहते थे , बिच में बहुतसी गैर ब्राह्मण पार्टियों को वोट देकर गैर ब्राह्मण नेटिव लोगो ने उनको मजबूती भी दी थी।  उस समय एक और ब्राह्मण पार्टी बीजेपी उभर रही थी जिसके नाम पर केवल २ सांसद थे जब वो जनसंघ नाम से जानी जाती थी।  पंडित हटावो की मुहीम ताज हुवी , जनेऊ छोडो कहा गया, गैर ब्राह्मण पार्टिया बहुत सारे प्रदेशो में सत्ता में आये पर फिर विदेशी ब्राह्मण प्रेम ने उन्हें डुबो दिया।  ये गैर ब्राह्मण पार्टिया फिर कांग्रेस , बीजेपी से गठबंधन करने लगी , बीजेपी ने इसका फायदा उठाया गैर ब्राह्मण लीडर्स , कार्यकर्तवो को ब्राह्मण बेटिया देकर फुसलाने लगे , बीजेपी ताकतवर हुवी , गैर ब्राह्मण पार्टिया कमजोर होती चली गयी। वोटर जो गैर ब्राह्मण थे सोचने लगे जब ये लोग बाद में ब्राह्मण ,पंडित से हाथ मिलते ही है तो सीधे सीधे उन्ही ब्राह्मण , पंडित पार्टियों को क्यों ना साथ दे ? नतीजा आज गैर ब्राह्मण मूवमेंट ख़त्म हो गयी , सभी चाटुकारिता कर रहे है , कुछ उन ब्राह्मण , पंडितवादी पार्टी के मंत्री , मुख मंत्री , प्रधान मंत्री जरूर बने पर फिर ब्राह्मण राज आगया।  और जैसे की हम सब जानते है ब्राह्मण राज में लोकतंत्र , स्वतंत्र आवाज , न्याय की कोई अहमियत नहीं होती है , सब दबाया जाता है।  यही आज हम देख रहे है।

हमने बड़े सोचकर नेटिविज़्म की खोज की है।  यही एकमात्र आज विकल्प है जो ब्रह्मिणवाद।  पंडितवाद , विदेशी ब्राह्मण राज ख़तम कर नेटिव रूल ला सकता है।  हमें सभी कमजोर वाढ जो गांधीवाद , अम्बेडकरवाद , मार्क्सवाद को देखा है जो विदेशी ब्रह्मिणवाद के सामने कमजोर और नाकाम नजर आते है।  नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व हमारी दोधारी तलवार जैसे विचार सारणी है जो ब्रह्मिनिस्म और ब्रह्मिनराज दोनों को सदा के लिए ख़त्म कर देगा।

हमें १००० नेटिविस्ट की जरुरत है , जो गैर ब्रह्मिनहि होंगे।  हम ५ साल में आप को विदेशी ब्राह्मण भगाकर दिखाएंगे पर हमें समाज १००० नेटिविस्ट दे।  हम कोई नेताजी जैसे खून नहीं मांग रहे है नाही , ब्रह्मिणवादी , पंडितवादी पार्टियों जैसा पैसा।  हमारी ताकत नेटिविज़्म है , नेटिविस्ट है क्यों की हम है इस देश के मालिक।

नेटिविस्ट  डी.डी.राउत
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट 

Sunday, 14 January 2018

ब्राह्मण धर्म विरुद्ध हिन्दू धर्म : नेटिविज़्म

नेटिविस्ट डी.डी.राउत ने अपने यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ़ नेटिविज़्म में यह विश्व को बताया है की नेटिविज़्म यह विश्व विचार सारणी है जो विश्व के सभी देश , विश्व के सभी नेटिव लोग अपने अपने देश में ऐसे बेझिजक लागु कर सकते है और अपने देश को , अपने देश के नेटिव लोगो को विदेशी उत्पीड़न , गुलामी से आज़ादी दिला सकते है।

नेटिविज़्म के साथ साथ लोकल कंट्री की नेटिविटी यहाँ काम कराती है जिसे हम हिंदुस्तान में हिंदुत्व कहते है , दूसरे देश में वो उस देश के नाम से या संस्कृति , धर्म से जुडी हो सकती है।

हिंदुस्तान ने नेटिविस्ट डी.डी.राउत ने नेटिविज़्म को अपना गुरु घोषित किया वैसा ही वो विश्व के सभी नेटिव लोगो का गुरु है तथापि , भिन्न भिन्न देशो में मार्गदर्शन वहा की नेटिविटी जिस नाम से जानी जाती है वही हो सकती है जैसे हिंदुस्तान में हिंदुत्व यह नेटिविटी है क्यों की विदेशी ब्राह्मण , विदेशी ब्रिटिश , विदेशी मोंघल , विदेशी ग्रीक , विदेशी ईरानी , पारसी आने के पहले सिंधु - हिन्दू संस्कृति से इस देश में हिंदुत्व ही नेटीवीटी रही है और कुछ लोग जो धर्म परावर्तित कर मुस्लिम बने , क्रिस्चियन बने या जिन्हो ने विदेशी ब्राह्मण धर्म से लड़ाई तेज करने के लिए अलग से हिन्दू से जैन , बुद्धिस्ट , सिख सम्प्र्रदाय बनाये वो ही हिंदुत्व इस नेटिविटी के ही हिस्सा है।

संक्षेप में हिंदुस्तान में ३ पैर सेण्ट विदेशी ब्राह्मण धर्मी है और ९७ पैर सेण्ट नेटिव हिंदुत्व के लोग। संघर्ष यही है। हिन्दू विरुद्ध ब्राह्मण। नेटिव विरुद्ध विदेशी , ब्राह्मण धर्म विरुद्ध हिन्दू धर्म।

ऐसे ही हम कहते है नेटिविज़्म हमारा गुरु है , नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदर्शन !

नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट